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 आईसीडीएस बिहार को मिला प्रतिष्ठित स्कोच सिल्वर अवार्ड 

पटना, 29 नवंबर: समाज कल्याण विभाग अंतर्गत समेकित बाल विकास सेवा आइसीडीएस को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ई.सी.सी.ई.) के क्षेत्र में किये गए सराहनीय कार्य हेतु  प्रतिष्ठित स्कॉच सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. कोरोना संक्रमण काल में आंगनबाड़ी द्वारा लाभुकों तक पहुंचायी गयी विभिन्न सेवाओं को सराहते हुए डिजिटल केटेगरी में यह अवार्ड बच्चों के 'प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा”  के लिए दिया गया है. आइसीडीएस की ओर से निदेशक आलोक कुमार यादव ने सर्वश्रेष्ठ गर्वेनेंस के लिए इस स्कॉच सिल्वर अवार्ड को प्राप्त किया है.

थॉउट लीडरशिप थ्रू इंक्लूज़न की थीम के साथ शासन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए यह अवार्ड  योजनाओं के धरातल पर बेहतर तरीके से उतारने, योजनाओं का अधिकाधिक लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और बेहतर गर्वेनेंस को लेकर  केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड दिया जा रहा है.

आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका हुई महत्वपूर्ण: 

आइसीडीएस के अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं को प्रदान करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. वहीं लाभुक तक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए राज्य व जिला स्तर पर पदाधिकारियों द्वारा प्रभावी तरीके से अनुश्रवण की भी तारीफ की गयी है. 

कोविड के दौरान ईसीसीई द्वारा व्यवहार परिवर्तन: 

कोविड 19 के दौरान बच्चों के व्यवहार को लेकर सर्तक रहने तथा अभिभावकों द्वारा बच्चों को सुरक्षात्मक वातावरण मुहैया कराते हुए अत्यंत संयमित और उत्सावर्धक व्यवहार करने पर जागरूकता लाने को काम किया गया. घर में नीरस माहौल एवं बच्चों में अवसाद नहीं हो, इसके लिए अभिभावकों को सुझाव दिये गये जिनमें बच्चों को विकासात्मक व रचनात्मक गतिविधियों में शामिल कर उनके दिनचर्या को व्यवस्थित करने की विभिन्न तौर तरीके बताये गये. इस आशय हेतु ICDS बिहार के द्वारा पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) से जुड़ी हर जानकारी घर बैठे प्राप्त करने के लिए निशुल्क: नंबर 18001215725 एवं “मिस्ड कॉल दो कहानी सुनो” के लिए निशुल्क: नंबर 08068264449 जारी किया गया है साथ ही बच्चों के साथ गतिविधि करने हेतु ECCE कलेंडर एवं डिजिटल सामग्रियों की उपलब्धता ICDS वेबसाइट पर जनमानस के प्रयोग हेतु करायी गयी है I   इनमें व्यायाम, चित्रकारी, कहानी सुनना, गीत गाना व रोल प्ले जैसी प्रक्रियाओं को शामिल किया. वहीं बच्चों के साथ सकारात्मक संवाद पर बल दिया गया.  

जानिये क्या है स्कॉच अवार्ड: 

स्कॉच अवार्ड  यह अवार्ड स्वतंत्र संगठन स्कॉच डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन और निगरानी के लिए प्रदान किया जाता है. अवार्ड देने की शुरूआत 2003 से की गयी. देश में एक सुदृढ़ शासन प्रणाली बनाये रखने और इस कार्य में लगे व्यक्तियों, परियोजनाओं व संस्थानों के प्रयासों की सराहना के लिए शुरू की गयी है. स्कॉच डेवलपमेंट फांउडेशन की ओर से यह पुरस्कार वित्तीय, सामाजिक व डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के लिए दिया जाता है. अवार्ड का उद्देश्य व्यवस्था में सकारात्मक व उल्लेखनीय बदलाव लाने के लिए पारदर्शिता व सहभागितापुर्ण लोकतंत्र सुनिश्चित करना है. इस फाउंडेशन के सदस्यों ने देश भर में घूम घूम कर सामाजिक, आर्थिक व डिजिटल समावेशन को लेकर गहन अध्यन किया और बेस्ट प्रैक्टीसेज का दस्तावेजीकरण किया है. 

चुनौतियों का सामना करने में मिलेगा बल: 

कोरोना संकट काल में चुनौती के बावजूद सरकार द्वारा लाभुकों तक विभिन्न योजनाओं व सेवाओं का लाभ पहुंचाने तक नये रास्ते निकाले गये और इस काम का सुचारू क्रियान्वयन कर एक कृतिमान स्थापित किया गया है. जिला, प्रखंड व सामुदायिक स्तर पर किये गये इन प्रयासों के बाद अवार्ड से सम्मानित किये जाने को लेकर विभाग के लोग भी काफी उत्साहित हैं. इस अवार्ड से विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को भी भविष्य में योजना व सेवाओं के क्रियान्वयन में आने वाले चुनौतियों का सामना करने में बल मिलेगा. स्कॉच अवार्ड बेटर गर्वेनेंस को लेकर परिवर्तन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा. इस कार्य को समुदाय स्तर पर क्रियान्वित करने में ICDS कार्यकर्त्ता एवं सहयोगी संस्थाओं की अहम् भूमिका रही है  I

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